नई दिल्ली। भारत में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में अब तक 28,55,015 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों और 2,57,169 चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, हाल ही में संसद में बताया गया था। भारी उद्योग और इस्पात राज्य मंत्री ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी थी। ओडिशा राज्य में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 1,45,479 है, और राज्य का अडोप्शन रेट 1.24 फीसदी है। भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है। फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) योजना, जो 1 अप्रैल, 2019 से शुरू हुई थी, इसके तहत 11,500 करोड़ रुपए का बजटीय समर्थन प्रदान किया है। इस योजना के जरिए ई-2व्हीलर, ई-3 व्हीलर, ई-4 व्हीलर, ई-बसों और ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को बढ़ाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का बजटीय परिव्यय 25,938 करोड़ रुपए है, जिसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
परिवहन मंत्रालय ने राज्यों को रोड टैक्स माफ करने की दी सलाह
केंद्र सरकार ने एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के लिए पीएलआई योजना को 18,100 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय के साथ मंजूरी दी है, जिसका लक्ष्य 50 गीगावॉट घंटे की बैटरी के लिए घरेलू मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम स्थापित करना है। प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के समर्थन के लिए 10,900 करोड़ रुपए का परिव्यय है। सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है और बैटरी से चलने वाले वाहनों को ग्रीन लाइसेंस प्लेट देने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्हें परमिट की जरुरतों से भी छूट दी जाएगी। सड़क परिवहन मंत्रालय ने राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स माफ करने की सलाह दी है, जिससे इन वाहनों की शुरुआती लागत कम हो सकेगी। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने इमारतों में चार्जिंग स्टेशन अनिवार्य करने के लिए मॉडल बिल्डिंग बाय-लॉज में संशोधन किया है।